वार्षिक लेखन प्रतियोगिता कहानी:- 4:- नशे की ओर बढ़ते नन्हें कदम
नशे की ओर बढ़ते नन्हें कदम:-
किसी को पीने का नशा होता है, तो किसी को खाने का। किसी को टी.वी. देखने का तो किसी को काम का। किसी को बेइमानी का तो किसी को अहंकार का। यानि हर किसी को किसी ना किसी चीज़ का नशा होता अवश्य है।
नशा यदि सही चीज़ का हो तो ठीक। परंतु, गलत चीज़ों का नशा हमें सदैव विध्वंस की ओर ले जाता है। आज के परिवेश में नशे का सबसे ज़्यादा प्रभाव बच्चों पर दिखाई दे रहा है। आजकल ज्यादातर बच्चे और युवा किसी ना किसी प्रकार के नशे के चंगुल में फंसे हुए हैं। जो कि हमारे देश के भावी भविष्य के निर्माता हैं। यदि समय रहते इन्हें इनसे मुक्त नहीं करवाया गया तो हमारे देश का भविष्य विध्वंसकारी होगा।
नशे की ओर बढ़ते हुए कदमों को रोकने का सबसे अच्छा माध्यम है, बच्चों को उचित समय पर उचित ज्ञान प्रदान करना।
Gunjan Kamal
09-Mar-2022 01:42 PM
बिल्कुल सही
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Swati Sharma
09-Mar-2022 03:04 PM
धन्यवाद
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Niraj Pandey
09-Mar-2022 11:44 AM
जी बिल्कुल सही कहा आपने
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Swati Sharma
09-Mar-2022 03:03 PM
आपका हार्दिक आभार
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Dr. Arpita Agrawal
09-Mar-2022 12:17 AM
सही कहा स्वाति जी, बेहतरीन भाव
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Swati Sharma
09-Mar-2022 03:03 PM
आपका हार्दिक आभार
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